लाखों खर्च, अफसरों को नहीं मिला ठिकाना

भदाहो। आवास निर्माण के नाम पर भल हा लाखा-करोड़ो रुपये खर्च हो गए. निर्माण एजेंसियां शासन से मिले धन को डकार गई लेकिन अफसर व कर्मचारियों को रहने का ठिकाना नहीं तैयार हो सका। खास बात तो यह है कि अभी तक किसी भी उच्चाधिकारी की ओर से इसे लेकर पहल भी नहीं की गई। उधर आवासीय सुविधा न होने से शाम होते ही अधिकतर अधिकारी-कर्मचारी या तो जिला छोड़ देते हैं या फिर किराए के भवन को सहारा बनाए हुए हैं ।जनपद सृजन के बाद कलेक्ट्रेट, विकास भवन और पुलिस अधीक्षक के कार्यालय तैयार हो गए। कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के अलावा पलिस कर्मियों को रहने के लिए आवास बनाया गया लेकिन वह भी आधा- अधूरा। विकास भवन का भी निर्माण कराया गया लेकिन यहां के न तो अफसरों को रहने का ठिकाना बनाया गया और न कर्मचारियों का। विकास भवन के पास ही आवास निर्माण के लिए करोड़ों खर्च कर दिया गया लेकिन आवास पूर्ण नहीं हो सका। स्थिति यह है कि सीडीओ, पीडी, डीडीओ जैसे जिला स्तर के अधिकारी तक या तो दूसरे विभाग के आवासों में रह रहे हैं या फिर किराए के भवन में। आवास के साथ ही साथ संसाधनों की कमी के - - - - कारण कर्मचारी तक शाम होते ही जिले को छोड़ देते हैं। इससे अफसर- कर्मचारियों के लिए बगैर अनुमति जिला न छोड़ने के जारी फरमान का भी अमल नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों के आवास को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से कभी भी प्रयास नहीं किया गया। कर्मचारियों के लिए जो आवास भी बने हैं तो वहां पर मनमानी तरीके से आवंटन कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग के परिसर में बने कर्मचारियों के भवन में बाहर के लोगों का कब्जा है। शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।